।। यमुनालहरी।।

।। यमुनालहरी।।

यमुनातीरं यमुनानीरं यमुनापारं यमुनासारम् ।
यमुनाक्रीडा यमुनाव्रीडा यमुनासरितस्सकलं शरणम् ।।1।।
यमुनाशिक्षा यमुनाभिक्षा यमुनावीक्षा यमुनादीक्षा ।
यमुनासृष्टिर्यमुनातृप्तिर्यमुनासरितस्सकलं शरणम्।।2।।
यमुनागोपा यमुनानारी यमुनाबाला यमुनावृद्धा ।
यमुनाशीला यमुनालीला यमुनासरितस्सकलं शरणम्  ।।3।।

यमुनावृषभो यमुनावृक्षा यमुनाधेनुर्यमुनाधीरा ।
यमुनाकृष्टिर्यमुनावृष्टिर्यमुनासरितस्सकलं शरणम्  ।।4।।
यमुनावासो यमुनावासो यमुनावासो यमुनावासः ।
यमुनातालो यमुनाकालो यमुनासरितस्सकलं शरणम्  ।।5।।
यमुनानृत्यं यमुनाकृत्यं यमुनावृत्यं यमुनाहारः।
यमुनाधारा यमुनाकारा यमुनासरितस्सकलं शरणम्  ।।6।।
यमुनारात्रिर्यमुनानिद्रा यमुनाशैत्यं यमुनाच्छाया ।
यमुनाव्याप्तिर्यमुनाप्राप्तिर्यमुनासरितस्सकलं शरणम्  ।।7।।
यमुनातरणं यमुनाभरणं यमुनावेगो यमुनावेगः।
यमुनामौनं यमुनाभीतिर्यमुनासरितस्सकलं शरणम् ।।8।।
यमुनाशक्तिर्यमुनाभुक्तिर्यमुनाक्लृप्तिर्यमुनायाेगः।
यमुनाधूतं यमुनापूतं यमुनासरितस्सकलं शरणम्  ।।9।।
यमुनाक्रोधो यमुनाभ्रान्तिर्यमुनाबोधो यमुनाशान्तिः।
यमुनानाट्यं यमुनाधार्ष्ट्यं यमुनासरितस्सकलं शरणम्  ।।10।।
यमुनाश्रवणं यमुनाश्रमणं यमुनाभ्रमणं यमुनाक्रमणम्।
यमुनाद्रवणं यमुनारमणं यमुनासरितस्सकलं शरणम्  ।।11।।
।। इति श्रीहरिविरचिता यमुनालहरी सम्पूर्णा ।।
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